Posts

Showing posts from July, 2025

हरेली तिहार: छत्तीसगढ़ की हरियाली का पर्व Hareli Tihar: Festival of Greenery in Chhattisgarh

Image
हरेली तिहार: छत्तीसगढ़ की हरियाली का पर्व हरेली यानी ‘हरियाली’—छत्तीसगढ़ का पहला और प्रमुख तिहार, जो सावन मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या (श्रावण अमावस्या) को बड़े उत्साह से मनाया जाता है। यह त्यौहार आमतौर पर जुलाई–अगस्त में आता है और यह वर्षा-ऋतु, हरियाली और समृद्धि का प्रतीक है । 🌾 त्यौहार की खासियत और इतिहास हिन्दू कैलेंडर में दिन: सावन की अमावस्या महत्व: यह कृषि प्रधान समाज का पहला पर्व है, जिसमें खेती की शुरआत, प्राकृतिक ऋतु और समृद्धि का आभार व्यक्त किया जाता है । नाम का अर्थ: हरेली शब्द हिंदी के ‘हरियाली’ से आया है, जिसका अर्थ है प्रकृति में ताज़गी और नवजीवन । 🧿 पूजा-पाठ और रीति-रिवाज 1. खेती-किसानी का आभार किसान अपने खेतों में हल, कुदाली, फावड़ा, ट्रैक्टर आदि कृषि उपकरणों की पवित्र पूजा करते हैं और उन्हें चावल-आटे की चिलों से सजाते हैं । 2. वृक्ष-स्वास्थ्य उपाय खेतों में भेलवा (बेलवा) की डालियाँ लगाई जाती हैं और घरों के मुख्य द्वार पर नीम की ताज़ा पत्तियाँ लटकाई जाती हैं—नीम की प्राकृतिक कीट-रोधी ताकत का लाभ लेने के लिए । 3. पशुधन और मावली रक्षा पशुधन को विशेष औषध...

🌿 सावन का महत्त्व, कहानी और नियम 🌧️. Importance, story and rules of Sawan

Image
🌿 सावन का महत्त्व, कहानी और नियम 🌧️ 🔷 सावन क्या है और क्यों मनाया जाता है? सावन , हिन्दू पंचांग का पाँचवां महीना होता है जो जुलाई-अगस्त में आता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इसमें भक्ति, वर्षा, हरियाली और पूजा का विशेष महत्व होता है। 📖 सावन की पौराणिक कहानी: 🔸 एक बार देवता और असुरों ने समुद्र मंथन किया, जिससे अमृत के साथ-साथ भयानक विष (हलाहल) भी निकला। 🔸 यह विष पूरे ब्रह्मांड को नष्ट कर सकता था। तब भगवान शिव ने संसार की रक्षा के लिए वह विष पी लिया । 🔸 माँ पार्वती ने उनका गला पकड़ लिया जिससे विष नीचे न उतर पाए, और शिव का कंठ नीला हो गया। तभी से उन्हें नीलकंठ कहा जाने लगा। 🔸 विष की गर्मी को शांत करने के लिए देवताओं ने उन्हें गंगाजल, बेलपत्र, और दूध अर्पित किया। 🔸 तभी से सावन में शिव पूजा और जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। 🕉️ सावन में क्या करना चाहिए? ✅ 1. शिव की पूजा करें: रोज सुबह स्नान करके शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, भस्म, धतूरा आदि चढ़ाएं। ✅ 2. सावन सोमवार का व्रत रखें: सावन के हर सोमवार को व्रत रखकर “ॐ नमः शिवाय” का जाप क...

🌺 माता पार्वती की कहानी – सावन विशेष कथा 🌺 Story of Mother Parvati – Sawan Special Story

Image
🌺 माता पार्वती की कहानी – सावन विशेष कथा 📖 कथा: माता पार्वती का शिव को पाने के लिए कठोर तप एक समय की बात है, माता सती ने जब अपने पिता दक्ष के यज्ञ में शिव का अपमान होते देखा, तो उन्होंने आत्मदाह कर लिया। इसके बाद उन्होंने हिमालय और मेनावती के घर पार्वती रूप में पुनर्जन्म लिया। माँ पार्वती ने बाल्यकाल से ही भगवान शिव को अपना पति मान लिया था। लेकिन शिव जी उस समय तप में लीन रहते थे, संसार से दूर और विरक्त। 🌄 तब पार्वती जी ने क्या किया? उन्होंने शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की। उन्होंने घने जंगल में, बारिश, धूप और ठंड सहकर तप किया। कई महीनों तक केवल पत्तों पर, फिर निर्जल व्रत रखकर तपस्या करती रहीं। उनकी यह तपस्या सावन के महीने में चरम पर थी। 🌼 शिव जी का हृदय पिघला: उनकी भक्ति और संकल्प देखकर भगवान शिव प्रकट हुए। उन्होंने पार्वती जी को वरदान दिया कि वे ही उनकी अर्धांगिनी (पत्नी) बनेंगी। इसके बाद दोनों का विवाह संपन्न हुआ — यह विवाह देवताओं के लिए भी आदर्श बन गया। 🧘‍♀️ इस कथा से क्या सीख मिलती है? सच्ची श्रद्धा, धैर्य और तप से क...