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Showing posts from March, 2020

मां दुर्गा की पूजा maa Durga ki Puja

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नवरात्र में मां दुर्गा के शक्ति रूपा की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है नियमों का ध्यान रखें तो आपके लिए बहुत कल्याणकारी होगा माना गया है यहां पूजा करने से शुभ फलों में वृद्धि होती है ।और आपको हमेशा ईश्वर का मार्गदर्शन मिलता है ।ध्यान रहे कि पूजन का कुछ साफ सुथरा हो उसकी दीवारें हल्के पीने को लावे हरे या बैंगनी जैसे आध्यात्मिक रंग की हो तो अच्छा है क्योंकि यह रंग अध्यात्मिक ऊर्जा के स्तर को बनाते हैं काले नीले और भूरे जैसे तामसिक रंगों का प्रयोग पूजा कक्ष की दीवारों पर नहीं होना चाहिए । धर्म शास्त्रों के अनुसार कलश क सुख समृद्धि वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है ।कलर्स में सभी ग्रह नक्षत्रों एवं तीर्थों का वास होता है इनके अलावा ब्रह्मा विष्णु महेश सभी नदियों सागरों सरोवर एवं 33 कोटि देवी देवता कलश में विराजमान होते हैं वास्तु के अनुसार ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व जल एवं ईश्वर का स्थान माना गया है ।और यहां सर्वाधिक सकारात्मक ऊर्जा रहती है इसलिए पूजा करते समय माता की प्रतिमा या कलश की स्थापना इसी दिशा में करनी चाहिए शक्ति और समृद्धि का प्रतीक मानी जाने वाली पूर्व दि...

समझे माता पूजन की शक्ति samjhe Mata Pujan ki Shakti

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स्वामी विवेकानंद दक्षिणेश्वर की मां काली के परम भक्त रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे । पिता की मृत्यु के बाद नरेंद्र नाथ दत्त विवेकानंद का घर परिवार भीषण आर्थिक संकट में पड़ गया नरेंद्र ने गुरु को कहा कि वह माता से उनके परिवार के लिए सुख समृद्धि मांगे माता तो परमहंस की बात टाल नहीं सकती पर गुरुदेव ने कहा कि तुम स्वयं जाकर मां से कहो नरेंद्र मंदिर में जाकर मां से प्रार्थना करते हैं लेकिन घर परिवार के लिए नहीं जगत के कल्याण के लिए ज्ञान वैराग्य भक्ति मांगते हैं और गुरु के चरणों में गिर कर कहते हैं मां से मैं अपने लिए यह तू चीज नहीं मांग सकता मां तो सब का भरण पोषण करती हैं मेरे घर परिवार का भी करोगे स्वामी विवेकानंद 27 अक्टूबर 1885 की संध्या आरती के बाद दक्षिणेश्वर में मां काली के चरणों में बैठकर आवाहन करते हैं हेमा चमत्कार अपार जगत रचना संसार सभागार विश्व संसार शो मे वसुंधरा धन धन्य मय होय पूर्ण तोमर भंडार । जीवन की यह व्यापक दृष्टि पाना ही देवी की आराधना की शक्ति है । . ...................English Translation...................... Understand the power of Mother worship Swami Vi...

चैत्रनवरात्रि Chaitra Navratri History

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 नवरात्र महोत्सव भारतीय समाज जीवन की तेजस्विता के प्रतीक पर्व है । अत्यंत न्यायप्रिय और पराक्रमी सम्राट चन्दरगुप्त विक्रमादित्य उज्जयिनी जिनकी राजधानी थी ने बर्बर आक्रमणकारी शकों और हूंणों को खदेड़कर भारत भूमि को भय मुक्त किया । उन्हें इस गौरव के लिए `शकारी ' से नवाजा गया और उन्हें शकारी विक्रमादित्य कहा जाने लगा । उल्लेख है कि उनकी गौरवशाली स्मृतियों को अक्षुण्ण रखने के लिए 2076 साल पहले विक्रम संवत का शुभारंभ हुआ । इस साल यानी 2020 सन् में विक्रम संवत 2077 बुधवार 25 मार्च से शुरू हो रहा है ।इस साल का अधिपति बुध होने से पूरे वर्ष धर्म और अध्यात्म की प्रधानता रहेगी । नवसंवत्सर भारतीयता की गौरशाली पहचान है। ............................................................................ English Translation Navratri festival is a festival symbol of the splendor of Indian social life.  The extremely just and mighty emperor Chandragupta Vikramaditya Ujjayini, whose capital was, freed the land of India by repelling barbaric invading forces and hanans.  ...

मौसम और जलवायु weather and climate

                         मौसम और जलवायु किसी स्थान के वायुमंडलीय दाब तापमान आद्रता में वर्षा पवन प्रवाह आदि की दशाओं को मौसम कहते हैं मौसम किसी स्थान विशेष की आपातकालीन दशाओं का योग है अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि मौसम वायुमंडल की छड़ी अवस्था है मौसम दिन पतिदिन परिवर्तनशील रहता है इसमें वायुमंडल की निचली परतो में प्रतिक्षण की या मोटे तौर पर प्रतिदिन या उसके विशेष भाग की तथ्यात्मक दशा एवं उनके बदलते स्वरूप का वर्णन किया जाता है पश्चिमी यूरोप में प्रतिदिन मौसम परिवर्तित रहता है इसी प्रकार उत्तरी भारत में शीत काल में चक्रवात के प्रारंभ में मौसम उमस भरा गर्म मेघाच्छादित हो जाता है एवं प्रति योग चक्रवार्थी के दशक के कारण हुआ स्वच्छ खुला एवं दिन में सुहावना तथा रात्रि को पाले की आशंका वाला हो जाता है अतः जब भी हम किसी क्षेत्र स्थान विशेष समय दिन या सप्ताह में मानव को प्रभावित करने वाले वायुमंडलीय विशिष्ट दिशाओं का उल्लेख करते हैं तो वह वहां का उस काल का मौसम का मौसम कहलाता है मौसम की जानकारी हेतु ताप दाब आद्रता वर्षा...